गुलाठी (कुलथी) दाल: पथरी गलाने वाली आयुर्वेदिक दाल


भारत की परंपरागत दालों में गुलाठी दाल, जिसे कुलथी दाल (Horse Gram) भी कहा जाता है, का विशेष स्थान है। आयुर्वेद में इसे “पथरी गलाने वाली दाल” कहा गया है क्योंकि यह किडनी स्टोन और मूत्र रोगों में बहुत फायदेमंद मानी जाती है। प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर यह दाल केवल सेहत ही नहीं, बल्कि कई बीमारियों से बचाव के लिए भी उपयोगी है।


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गुलाठी (कुलथी) दाल के प्रमुख फायदे

1. किडनी स्टोन में लाभकारी

कुलथी दाल का काढ़ा पीने से पेशाब साफ होता है।

यह गुर्दे और मूत्राशय की पथरी को गलाने और निकालने में मदद करता है।


2. वजन घटाने में सहायक

इसमें कैलोरी कम और प्रोटीन व फाइबर अधिक होता है।

लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे भूख कम लगती है।

मोटापा नियंत्रित करने के लिए इसे डाइट में शामिल करना लाभकारी है।


3. डायबिटीज कंट्रोल

कुलथी दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे डायबिटीज रोगियों के लिए यह सुरक्षित है।


4. हड्डियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद

इसमें कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में होते हैं।

गठिया और जोड़ दर्द की समस्या में आराम देता है।


5. पाचन में सहायक

यह गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है।

पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।



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गुलाठी (कुलथी) दाल का उपयोग कैसे करें

1. काढ़ा बनाकर

2 चम्मच कुलथी दाल को 2 कप पानी में उबालें।

आधा बच जाने पर छान लें और गुनगुना ही पिएं।

यह काढ़ा दिन में 1–2 बार लिया जा सकता है।


2. सूप या दाल की तरह

कुलथी दाल को सामान्य दाल की तरह पकाकर खा सकते हैं।

इसमें नींबू और हरी सब्जियाँ मिलाकर स्वाद और पोषण दोनों बढ़ा सकते हैं।


3. पाउडर के रूप में

दाल को सुखाकर पाउडर बना लें।

1 चम्मच पाउडर गुनगुने पानी के साथ सुबह-शाम ले सकते हैं।



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सावधानियाँ

कुलथी दाल गर्मी पैदा करने वाली होती है, इसलिए इसे अधिक मात्रा में रोज़ाना न खाएँ।

प्रेगनेंसी में या जिन्हें ज्यादा acidity, अल्सर या पित्त की समस्या हो, उन्हें इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।

किडनी के गंभीर रोगियों को भी पहले चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।



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निष्कर्ष

गुलाठी (कुलथी) दाल एक पारंपरिक और औषधीय गुणों से भरपूर दाल है। यह न केवल पथरी और मूत्र रोगों में लाभकारी है, बल्कि वजन कम करने, शुगर कंट्रोल और हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करती है। सही मात्रा और उचित तरीके से उपयोग करने पर यह आपकी सेहत के लिए वरदान साबित हो सकती है।

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