बटर चिकन के आविष्कारक कुंदन लाल गुझराल की कहानी
🍗 बटर चिकन की शुरुआत कहाँ से हुई? (History of Butter Chicken)
परिचय
अगर आप नॉनवेज खाने के शौक़ीन हैं तो आपने बटर चिकन (Butter Chicken) ज़रूर खाया होगा। यह डिश न सिर्फ़ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस लज़ीज़ डिश की शुरुआत कहाँ से हुई? आइए जानते हैं इसकी रोचक कहानी।
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बटर चिकन का इतिहास
बटर चिकन की शुरुआत 1950 में हुई थी।
भारत के बंटवारे के समय, कुंदन लाल गुजराल (Kundan Lal Gujral) नाम के शेफ़ ने दिल्ली में मोती महल रेस्टोरेंट खोला।
वहाँ पर रोज़ाना तंदूरी चिकन बनता था, लेकिन बचे हुए चिकन को फेंकना पड़ता था। तभी एक दिन शेफ़ ने सोचा –
👉 क्यों न इन सूखे चिकन के टुकड़ों को टमाटर, मक्खन और मसालों की ग्रेवी में डाल दिया जाए?
यहीं से बना एक नया प्रयोग – "मुरग़ मक्खनी" (Butter
Chicken)
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बटर चिकन क्यों खास है?
इसमें टमाटर बेस की क्रीमी ग्रेवी होती है।
मक्खन और क्रीम इसे देता है मुलायम और रिच फ्लेवर।
तंदूरी चिकन के टुकड़े इस डिश का मुख्य आकर्षण हैं।
यह डिश नान, रोटी और चावल के साथ बेहद स्वादिष्ट लगती है।
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बटर चिकन की लोकप्रियता
धीरे-धीरे यह डिश सिर्फ़ दिल्ली तक ही सीमित नहीं रही बल्कि पूरे भारत और विदेशों में लोकप्रिय हो गई।
आज हर भारतीय रेस्टोरेंट के मेन्यू में बटर चिकन ज़रूर होता है।
विदेशों में भी इसे "Indian Curry" कहकर बेहद पसंद किया जाता है।
---उत्पत्ति पर विवाद
हाल ही में, Moti Mahal और Daryaganj नामक दो डेली रेस्टोरेंट्स के बीच Delhi High Court में एक कानूनी झगड़ा चल रहा है, जहां दोनों अपनी-अपनी ओर Butter Chicken के अविष्कार का दावा कर रहे हैं ।
Moti Mahal का दावा है कि उनका संस्थापक Kundan Lal Gujral ने यह व्यंजन पेशावर में ही बनाना आरंभ किया था। वहीं, Daryaganj की ओर से यह कहा जा रहा है कि Kundan Lal Jaggi ने यही ग्रेवी-चिकन संयोजन दिल्ली आकर बनाया था—उनका कहना है कि उसी समय यह व्यंजन अस्तित्व में आया था ।
दोनों पार्टियों के पास ऐतिहासिक फोटो, साझेदारी समझौते और गवाहों के वीडियो जैसे सबूत कोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं। अगले सुनवाई की तारीख May में निर्धारित की गई है ।
निष्कर्ष
बटर चिकन सिर्फ़ एक डिश नहीं, बल्कि भारत की खानपान संस्कृति और क्रिएटिविटी का नतीजा है। 1950 में शुरू हुई यह डिश आज पूरी दुनिया के फूड लवर्स की फेवरेट बन चुकी है।
👉 अगली बार जब आप बटर चिकन खाएँ, तो याद रखिए कि इसकी जड़ें दिल्ली के मोती महल में छुपी हुई हैं।
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