"बिहार का असली स्वाद – चंपारण मीट (Ahuna Mutton) की रेसिपी और इतिहास"

🍖 बिहार का चंपारण मीट (Ahuna Mutton) – स्वाद और परंपरा की अनोखी पहचान

📜 चंपारण मीट का इतिहास

चंपारण मीट को "अहूना मीट" भी कहा जाता है। इसका नाम "अहूना" उस मिट्टी के बर्तन से पड़ा जिसमें इसे पकाया जाता है। यह व्यंजन बिहार के चंपारण जिले से शुरू हुआ और धीरे-धीरे पूरे देश और विदेशों में लोकप्रिय हो गया। इसकी खासियत यह है कि इसे मिट्टी के हांडी में धीमी आंच पर सील करके पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद लाजवाब हो जाता है।

🥘 चंपारण मीट बनाने की विधि

मुख्य सामग्री:

बकरी का गोश्त – 1 किलो

सरसों का तेल – 200 ग्राम

प्याज – 3-4 बारीक कटा हुआ

लहसुन – 1 पूरी गांठ (पेस्ट)

अदरक – 2 इंच का टुकड़ा (पेस्ट)

दही – 1 कप

साबुत लाल मिर्च – 6-7

हरी मिर्च – 3-4

साबुत मसाले (तेजपत्ता, दालचीनी, लौंग, इलायची)

धनिया पाउडर, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला

नमक स्वादानुसार


बनाने की विधि:

1. सबसे पहले मिट्टी के हांडी को धोकर सुखा लीजिए।


2. गोश्त को अच्छे से धोकर उसमें दही, प्याज, लहसुन-अदरक पेस्ट, मसाले और सरसों का तेल डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए।


3. इस मैरिनेशन को कम से कम 2 घंटे (बेहतर हो तो रातभर) छोड़ दीजिए।


4. अब गोश्त को हांडी में डालें और ऊपर से आटे की लोई से ढक्कन को सील कर दीजिए।


5. धीमी आंच (लकड़ी या कोयले की आग पर) करीब 2–3 घंटे पकाइए।


6. जब हांडी खोली जाती है तो गोश्त से एक खास सुगंध और धुआंधार फ्लेवर निकलता है।



😋 चंपारण मीट की खासिय

इसे पकाने के लिए पानी नहीं डाला जाता, बल्कि दही और गोश्त का रस ही ग्रेवी बनाता है।

मिट्टी के बर्तन में पकने से इसमें देसी मिट्टी की खुशबू आती है।

सरसों के तेल और देशी मसालों का तड़का इसे और खास बनाता है।


🌍 लोकप्रियता

आज चंपारण मीट सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है बल्कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और विदेशों में भी चंपारण मीट हाउस खुल चुके हैं। बिहार आने वाले हर पर्यटक की लिस्ट में यह डिश जरूर शामिल होती है।

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