एक महोत्सव था दूसरी तारफ पुलिस की बदसलूकी





PM का उद्घाटन सही था या पहलवान को इस तरह घसीटना

आज का मंजर ही कुछ ऐसा था के सोच में है के प्रधानमंत्री जी को मुबारक दे के उन्होंने नये संसद भवन का उद्घाटन करा या फिर दूसरी तरफ देश की शान देश की बेटी जिन्होंने देश को गोल्ड ला कर दिया .जो  अपने हक के लिए जन्तर मन्तर बेठ कर धरना दे रहे थे . उन्हे जिस तरह घसीटा गया और उन यूवा पहेलवान जो देश के लिए खुन पसीना एक कर के गोल्ड लाते है जो हमारे देश की शान में चार चांद लगाते है. उनके टेनट उखड़ा गया. बड़ी ही शर्म की बात है ऐ. सचे है हमारे पहेलवान  या झुटे ऐ एक दिन पता चल ही जाएगा पर आज जो उनके साथ हुआ वो बड़ा ही निधनिये था हम अपने देश की शान को मिटटी में मिला रहे हैं|

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