गरीबी न जाने क्या क्या करवाती है


मामला झारखंड का है जंहा लोग आज भी गरीबी से जुझ रहे हैं। झारखंड में गुड़िया नाम की एक गरीब महिला ने अपने ही नवजात बच्चे को 5000 रुपए के लिए बेच दिया।बता दें कि गुड़िया का बेटा आकाश कुमार (9 साल) और बेटी खुशी कुमारी (13 साल) की है. दोनों ही बिहार के बिहटा में स्थित ईट भट्ठे में काम करेत हैं. उसकी एक बेटी दीपावली कुमारी 3 साल की है. गुड़िया उसे भी बेच रही थी. लेकिन मोहल्ले के लोगों ने उसे बेचने नहीं दिया. गुड़िया अपनी 3 साल की बेटी के साथ रहती है. उसके पास न ही रहने के लिए घर है और न ही खाने के लिए भोजन की व्यवस्था. मोहल्ले के लोग गुड़िया और उसकी 3 वर्षीय बेटी के खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं.गुड़िया के पति का नाम बजरंग नायक है. वह कबाड़ी है. बजरंग गुमला शहर के फुटपाथ में जहां जगह मिलती है. वहीं सो जाता है. वह कभी-कभी अपनी पत्नी से मिलने आता है. गुड़िया ने बताया कि वह 3 महीने से टीबी की बीमारी से पीड़ित है. मोहल्ले वालों का कहना है कि गुड़िया को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन कुछ दिन इलाज चलने के बाद वह अस्पताल से भाग गई. आंबेडकर नगर में स्थित कबाड़ी की दुकान के बाहर एक छोटे से शेड पर वह अपनी 3 साल की बेटी के साथ रहती है.जब गुड़िया के नवजात शिशु बेचने का मामला अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद और जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी के पास पहुंचा तो उन्होंने गुड़िया को 1 बोरा चावल और साड़ी दी. अधिकारियों ने बेचे गए बच्चे की वापसी के भी निर्देश दिए.


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